कभी मुझ को साथ लेकर कभी मेरे साथ चल के
वो बदल गये अचानक मेरी ज़िन्दगी बदल के।
हुए जिस पे मेहरबां तुम कोई ख़ुशनसीब होगा
मेरी हसरतें तो निकलीं मेरे आंसूओं में ढल के।
कोई फूल बन गया है कोई चांद कोई तारा
जो चिराग़ बुझ गये हैं तेरी अंजुमन में जल के।
वो बदल गये अचानक मेरी ज़िन्दगी बदल के।
हुए जिस पे मेहरबां तुम कोई ख़ुशनसीब होगा
मेरी हसरतें तो निकलीं मेरे आंसूओं में ढल के।
कोई फूल बन गया है कोई चांद कोई तारा
जो चिराग़ बुझ गये हैं तेरी अंजुमन में जल के।