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बुधवार, 20 जनवरी 2021

चाँद है ज़ेरे क़दम, सूरज खिलौना हो गया - अदम गोंडवी

चाँद है ज़ेरे क़दम सूरज खिलौना हो गया
हाँ, मगर इस दौर में क़िरदार बौना हो गया।

शहर के दंगों में जब भी मुफलिसों के घर जले
कोठियों की लॉन का मंज़र सलौना हो गया।

ढो रहा है आदमी काँधे पे ख़ुद अपनी सलीब
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा जब बोझ ढोना हो गया।

यूँ तो आदम के बदन पर भी था पत्तों का लिबास
रूह उरियाँ क्या हुई मौसम घिनौना हो गया।

शनिवार, 11 जनवरी 2020

काजू भुने प्लेट में ह्विस्की गिलास में - अदम गोंडवी

काजू भुने प्लेट में विस्की गिलास में
उतरा है रामराज विधायक निवास में।

पक्के समाजवादी हैं तस्कर हों या डकैत
इतना असर है खादी के उजले लिबास में।

आजादी का वो जश्न मनाएँ तो किस तरह
जो आ गए फुटपाथ पर घर की तलाश में।

शनिवार, 31 अगस्त 2019

मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको - अदम गोंडवी

आइए महसूस करिए ज़िन्दगी के ताप को
मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको

जिस गली में भुखमरी की यातना से ऊब कर
मर गई फुलिया बिचारी एक कुएँ में डूब कर

है सधी सिर पर बिनौली कंडियों की टोकरी
आ रही है सामने से हरखुआ की छोकरी

चल रही है छंद के आयाम को देती दिशा
मैं इसे कहता हूं सरजूपार की मोनालिसा