मुझे याद नहीं रहता है वह क्षण
जब सहसा एक नई ताकत मिल जाती है
कोई एक छोटा-सा सच पकडा जाने से
वह क्षण एक और बडे सच में खो जाता है
मुझे एक अधिक बडे अनुभव की खोज में छोडकर।
निश्चय ही जो बडे अनुभव को पाए बिना सब जानते हैं
खुश हैं
मैं रोज-रोज थकता जाता हूँ और मुझे कोई इच्छा नहीं
अपने को बदलने की कीमत इस थकान को देकर चुकाने की।
जब सहसा एक नई ताकत मिल जाती है
कोई एक छोटा-सा सच पकडा जाने से
वह क्षण एक और बडे सच में खो जाता है
मुझे एक अधिक बडे अनुभव की खोज में छोडकर।
निश्चय ही जो बडे अनुभव को पाए बिना सब जानते हैं
खुश हैं
मैं रोज-रोज थकता जाता हूँ और मुझे कोई इच्छा नहीं
अपने को बदलने की कीमत इस थकान को देकर चुकाने की।