यह आवाज़
लोहे की चट्टानों पर
चुम्बक के जूते पहन कर
दौड़ने की आवाज़ नहीं है।
यह कोलाहल और चिल्लाहटें
दो सेनाओं के टकराने की आवाज़ है।
यह आवाज़
चट्टानों के टूटने की भी नहीं है
घुटनों के टूटने की आवाज़ है।
लोहे की चट्टानों पर
चुम्बक के जूते पहन कर
दौड़ने की आवाज़ नहीं है।
यह कोलाहल और चिल्लाहटें
दो सेनाओं के टकराने की आवाज़ है।
यह आवाज़
चट्टानों के टूटने की भी नहीं है
घुटनों के टूटने की आवाज़ है।