कभी मुझ को साथ लेकर कभी मेरे साथ चल के
वो बदल गये अचानक मेरी ज़िन्दगी बदल के।
हुए जिस पे मेहरबां तुम कोई ख़ुशनसीब होगा
मेरी हसरतें तो निकलीं मेरे आंसूओं में ढल के।
कोई फूल बन गया है कोई चांद कोई तारा
जो चिराग़ बुझ गये हैं तेरी अंजुमन में जल के।
मेरे दोस्तो ख़ुदारा मेरे साथ तुम भी ढूंढ़ो
वो यहीं कहीं छुपे हैं मेरे ग़म का रुख़ बदल के।
तेरी बेझिझक हंसी से न किसी का दिल हो मैला
ये नगर है आईनों का यहां सांस ले सम्भल के।
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वो बदल गये अचानक मेरी ज़िन्दगी बदल के।
हुए जिस पे मेहरबां तुम कोई ख़ुशनसीब होगा
मेरी हसरतें तो निकलीं मेरे आंसूओं में ढल के।
कोई फूल बन गया है कोई चांद कोई तारा
जो चिराग़ बुझ गये हैं तेरी अंजुमन में जल के।
मेरे दोस्तो ख़ुदारा मेरे साथ तुम भी ढूंढ़ो
वो यहीं कहीं छुपे हैं मेरे ग़म का रुख़ बदल के।
तेरी बेझिझक हंसी से न किसी का दिल हो मैला
ये नगर है आईनों का यहां सांस ले सम्भल के।
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वाह वाह वाह... क्या बात है.
जवाब देंहटाएंसभी शेर कमाल के हैं भाई साहब.
नई पोस्ट पुलिस के सिपाही से by पाश
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