हवा के इक झोंके ने रुख-ए-जिंदगी बदल दी
महबूब ने मेरे जाने कौन सी ली बात दिल पर
जाने कहाँ से कहाँ की तय मंजिल बदल दी।
महबूब ने मेरे जाने कौन सी ली बात दिल पर
कि उस बात ने मेरी हर बात बदल दी।
कोई तक़रार हुई होती तो कुछ समझ आता
हम दिल को बता समझाएं बहलाएं कैसे
आधुनिकता का कौरा सच
जवाब देंहटाएंऊम्दा रचना
जी भास्कर जी प्रयास तो किया है पर कितना सफल है आप जैसे गुणी लोग ही बता सकते हैं।
हटाएं