दोस्ती दुश्मनी का क्या?
कारोबार है ये।
कभी सुबह कभी शाम
तलबगार है ये॥
कि रिसालों से टपकती है ये
कि कहानियों में बहती है ये।
कभी सितमगर है ये
और मददगार भी है ये॥
इनके होने से आपको
जीने की वजह मिलती
और इस तरह
चेहरे के आपके
सरमाएदार हैं ये॥
कारोबार है ये।
कभी सुबह कभी शाम
तलबगार है ये॥
कि रिसालों से टपकती है ये
कि कहानियों में बहती है ये।
कभी सितमगर है ये
और मददगार भी है ये॥
इनके होने से आपको
जीने की वजह मिलती
और इस तरह
चेहरे के आपके
सरमाएदार हैं ये॥
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राजीव उपाध्याय
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 17-12-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2193 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंआभार
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