ये दिल है
कि टूटा हुआ मक़ान?
बुर्ज़ें सारी,
ढ़ह गई हैं
पर,
खिड़कियाँ बंद हैं।
घर में कोई
दरवाजा नहीं,
शायद कोई आता जाता नहीं।
अज़ीब
विरानगी है;
इस घर में,
आदमी तो रहता
पर आदमी नहीं।
ये दिल है
कि टूटा हुआ मक़ान?
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कि टूटा हुआ मक़ान?
बुर्ज़ें सारी,
ढ़ह गई हैं
पर,
खिड़कियाँ बंद हैं।
घर में कोई
दरवाजा नहीं,
शायद कोई आता जाता नहीं।
अज़ीब
विरानगी है;
इस घर में,
आदमी तो रहता
पर आदमी नहीं।
ये दिल है
कि टूटा हुआ मक़ान?
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टूटा हुआ मकान। क्यूंकि जब दिल टूटता है तो घर टूट जाता है। और जब घर टूटता है तो फिर वह सिर्फ मकान कहलाता है।
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