चलते जाना, है मेरा अन्जाम।
राही हूँ मैं, चलना मेरा काम॥
दौड़ लगाना, फिर हाँफ जाना
रुकना नहीं, है मेरा ईनाम।
दरिया और मरु, सब बेगाने
ज़ोर लगाना, मेरा इन्तज़ाम।
राही हूँ मैं, चलना मेरा काम॥
हार जीत का, मतलब क्या
राह जब, है मेरा मुकाम।
थकना मैंने, सीखा ही नहीं
मिट जाना, है मेरा इन्तकाम।
राही हूँ मैं, चलना मेरा काम॥
© राजीव उपाध्याय
अति उत्तम
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद मधु जी। जहाँ सुधार की गुंजाइश हो कृपया बताएं ताकि खुद को सुधार सकूँ। पुनश्च सादर धन्यवाद।
हटाएंवाह बहुत खूब बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंबधाई
बहुत बहुत धन्यवाद।
हटाएंजीवन चलने के लिए ही है ... उम्र भर बस चलते रहना ...
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद दिगमबर जी। अगर सुधार की गुंजाइश हो तो बताने का कष्ट करें।
हटाएं