गुरुवार, 3 मार्च 2022

कहानियों का भार - श्रुतिका साह

कुछ किताबों की कहानियों का भार
इतना अधिक होता है
कि
आप चाह कर भी
उन किताबों को
पूरी रात सीने पर रख कर
नहीं सो सकते!

उन कहानियों के किरदार इतने भारी होते हैं
कि
ये ब्रह्माण्ड नहीं दे सकता
उन्हें अपनी गोद में जगह!

उन किरदारों के लौट आने का
एकमात्र जरिया होता है
स्वप्न!
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श्रुतिका साह

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