गुरुवार, 25 अगस्त 2011

ये जनतन्त्र कहाँ जाता है? - राजीव उपाध्याय

है ये शक्ति संघर्ष
या सांध्य सुमन का अर्पण
या नव विहान, नव भोर।
 
म्रृत्यु अटल है जन की
देखें ये जनतन्त्र कहाँ जाता है?
 
ये जनतन्त्र है या जन अभिलाषा
सत्य है या सिर्फ़ परिभाषा
कुछ सांसें ही बची हैं इसकी
आओ दो इक अपनी दे दें इसको
फिर सांस थामकर देखेंगे

ये जनतन्त्र कहाँ जाता है?
© राजीव उपाध्याय

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