ये अच्छी बात है कि
आप बुद्धिमान, ज्ञानी एवं बुद्धिजीवी हैं। आप चीजों का विश्लेषण कर सकते हैं।
परन्तु आपका ज्ञान एवं विश्लेषण करने की क्षमता का प्रयोग कहाँ हो रहा है यह
ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। आजकल एक अच्छा रिवाज है कि आप अपने ज्ञान को प्रदर्शित
करने लिए किसी का विरोध करना प्रारम्भ कर दीजिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका
विरोध सही है या गलत। बस आपको अति की स्थिति तक विरोध करने आना चाहिए और विरोध
करते समय आप अपने कार्यों को विश्लेषण ना करने की आदत होनी चाहिए। शायद ये अच्छा
तरीका भी है लोगों के नज़रों में बने रहने का। कई बार पारितोषिक भी मिलता है। जी
चाहे तो हर बड़े चर्चित नाम के इतिहास को देख लें। अतः विरोध करने की परम्परा बनाए
रखें चाहे भले ही वो आपका मजाक उड़ाए।
© राजीव उपाध्याय
© राजीव उपाध्याय
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